आयकर (इनकम टैक्स) का संक्षिप्त परिचय
यह प्रत्येक व्यक्ति की आय पर भारत सरकार द्वारा लगाया जाने वाला एक कर है । आयकर कानून को शासित करने वाले उपबंध आयकर अधिनियम, 1961 में दिए गए हैं । भारत में यह प्रायः एक खास सीमा से अधिक आय वालों द्वारा अदा किया जाता है। भारत के बजट के प्रावधानों के अनुसार 5 लाख रूपये से अधिक आय वाले व्यक्ति आयकर दाताओं की श्रेणी में आएँगें । वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीन लाख रुपए रखी गई है । कभी कभी एक खास रकम से ऊपर के आय वालों को अतिरिक्त कर भी देना होता है ।
आयकर (इनकम टैक्स) वह कर है जो सरकार लोगों की आय पर आय में से लेती है। आयकर सरकारों के क्षेत्राधिकार के भीतर स्थित सभी संस्थाओं द्वारा उत्पन्न वित्तीय आय पर लागू होता है । कानून के अनुसार, प्रत्येक व्यवसाय और व्यक्ति कर देने या एक कर वापसी के लिए पात्र हैं, और उन्हें हर साल एक आयकर रिटर्न फाइल करना होता है। आयकर धन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जिसे सरकार अपनी गतिविधियों निधि और जनता की सेवा करने के लिए उपयोग करता है ।
आय का अर्थ
भारतीय आयकर अधिनियम 1961 में आय को मुख्य रूप से पांच भागों या स्त्रोत के रूप में बांटा गया हैं जिसकी गणना आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार की जाती हैं| यह इस प्रकार हैं:
1. वेतन के रूप में आय
इस स्त्रोत के तहत कर्मचारी को मिलने वाला वेतन, एन्युटी, पेंशन, ग्रेच्युटी, फीस, कमीशन, छुट्टी की जगह नकद भुगतान (लीव एनकैशमेंट), सालाना वृद्धि, प्रोविडेंट फंड में जमा रकम और कर्मचारी के पेंशन खाते में किया गया योगदान शामिल हैं |
2. मकान किराये से आय
खुद के स्वामित्व वाले मकान के किराए से आमदनी को घरेलू संपत्ति से आय माना जाता है | एक से अधिक मकान होने की स्थिति में अगर मकान खाली है यानी उसमें कोई किराएदार नहीं है तो भी एक मकान को छोड़कर अन्य मकानों की अनुमानित आय आमदनी में जोड़ दी जाती है |
3. कारोबार या पेशे से आय
किसी कारोबार या पेशे से होने वाला लाभ, व्यापार के तहत प्राप्त किया ब्याज, साझेदारी के पार्टनर को मिला वेतन या बोनस आदि आते हैं |
4. पूंजीगत लाभ के रूप में आय
पूंजीगत लाभ के तहत कोई पूंजीगत संपत्ति की बिक्री से हुआ लाभ आता हैं | इसमें शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरह के पूंजीगत लाभ शामिल हैं |
5. अन्य स्रोत से आय
बैंक डिपॉजिट और सिक्योरिटीज पर मिला ब्याज, शेयरों पर मिले लाभांश, रॉयल्टी इनकम, लॉटरी या रेस जीतने और उपहार के रूप में मिली रकम को अन्य स्रोत से आय माना जाता है |