श्री गौरव गुप्ता, अधिवक्ता, जोनल टैक्स बार एसोसिएशन, मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)
कर नियोजन
कर नियोजन का अभिप्राय करारोपण के विधान का पूर्ण तथा गहन अध्ययन करके उसके द्वारा दी गई छूटो,कटोतियो,रियायतों आदि का पूर्ण लाभ उठा कर कर भार को कम करना है नियोजन के माध्यम से व्यक्ति अपनी कर देयता को कम कर सकता है। तथा इस प्रकार से कर भार कम करने का प्रत्येक करदाता को पूर्ण अधिकार है तथा इसे सरकार,समाज तथा न्यायालय द्वारा कर नियोजन को गलत नहीं समझा जाता है जो व्यक्ति कर नियोजन नहीं करता तथा व्यर्थ में अपना कर दायित्व अधिक रखकर सरकार को अधिक कर देता है वह बुद्धिमान नहीं कहलाता है इसमें विभिन्न छूट, कटौती तथा रियायतों का लाभ उठाने के लिए कानूनी तरीके से अपनी आय पर कर को कम करने की योजना बनाना शामिल है। धारा 80 C से 80 U के तहत कोई भी करदाता कर कटौती का लाभ उठा कर कर बचा सकता है टैक्स बचाने के लिये सबसे लोकप्रिय धारा 80 सी है तथा जीवन बीमा,पीपीएफ खाता,राष्ट्रीय बचत पत्र, म्यूचुअल फंड्स और प्रोविडेंट फंड्स आदि में निवेश करके अपने कर दायित्व को कम किया जा सकता है इसके अतिरिक्त करदाता आयकर प्रावधानों के अनुसार अन्य क़ानूनी छूटो,कटोतियो,रियायतों से अपना कर भर निम्न कर सकता है विभिन्न लाभकारी प्रावधानों का प्रयोग करना पूरी तरह वैध हैं और छूट कटौती और रियायतों का लाभ उठाने के लिए निर्धारिती को अधिकार प्रदान करता है। कहा जा सकता है कि कर नियोजन एक कला है जिसके माध्यम से करदाता अपना कर दायित्व क़ानूनी तरीके से कम कर सकता है। कर नियोजन का महत्त्व केवल करदाता के लिये ही नहीं है वरन यह देश,समाज,उद्योग,व्यापर आदि की भलाई और उन्नति के लिये है
कर बचाव
कर बचाव का अर्थ है किसी भी प्रकार करारोपण के विधान के आयोजनों का उल्लंघन किये बिना विधान की कमजोरियों को पकड़कर उनका लाभ उठाकर कर दायित्व कम करना यह विधान की भावनाओ तथा उद्दोश्यो के प्रतिकूल होता है यह कर बचाव अस्थाई होता है क्योंकि सरकार को जैसे ही विधान की किसी कमजोरी का ज्ञान होता है वह विधान में संशोधन करके इस कमजोरी को दूर कर देती है कभी कभी सरकार इस कमजोरी को दूर करने का संशोधन भूतकाल से प्रभावी कर देती है तब करदाता द्वारा विधान की कमजोरी के कारण बचाया गया कर व्यर्थ हो जाता है क्योंकि उसे अब वह कर चुकाना पड़ता है कर बचाव सामाजिक बुराई है तथा राष्ट्र हित में नहीं है तथा इससे काले धन की बढ़ोत्तरी होती है
कर वंचन
कर वंचन में करारोपण के विधान का स्पष्ट उलंघन होता है इसे कर चोरी भी कहते है इसमें बिक्री कम दिखाना, बनावटी हानि प्रदर्शित करना,कर योग्य आय कम दिखाना या जानबूझकर खर्च को कम करके धोखाधड़ी जैसी तकनीकों के माध्यम से कर दायित्व को कम करने का एक अवैध तरीका है। यह कर के बोझ को कम करने का एक गैरकानूनी प्रयास है। कर का बोझ कम करने के लिए कम मुनाफा दिखाने के मकसद से कर चोरी को अंजाम दिया जाता है। इसमें गलत बयान देना, संबंधित दस्तावेज छिपाना, लेन-देन का पूरा रिकॉर्ड न रखना, आय को छुपाना, या व्यवसायिक खर्च को निजी खर्च के रूप में पेश करना जैसे गैरकानूनी व्यवहार शामिल हैं। कर चोरी एक अपराध है कर वंचना कर नियोजन नहीं होता है तथा वह व्यक्ति देश तथा समाज का अपराधी है कर वंचना को बुरी नजर से देखा जाता है क्योंकि इसमें जानबूझकर तथ्यों को छिपाया जाता है कर वंचना गलत कार्य है जिसके लिए निर्धारिती को कानून के तहत दंडित किया जा सकता है।